Khatu Shyam Aarti Lyrics

Khatu Shyam Aarti Lyrics श्री खाटू श्याम जी आरती

महाभारत काल में गदाधारी भीम के पुत्र घटोत्कच और दैत्य मूर की पुत्री मोरवी के पुत्र थे जिनका नाम था बर्बरीक। उन्होंने श्री कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया था। इसकी वजह से भगवान कृष्ण ने उन्हें ये वरदान दिया की कलियुग में वो श्याम नाम से पूजे जायेंगे।

बर्बरीक का शीश खाटू नगर जिसे वर्तमान समय में राजस्थान राज्य के सीकर जिला के नाम से जाना जाता है वहां पर दफ़नाया गया इसलिए उन्हें खाटू श्याम बाबा कहकर पुकारा जाता। एक गाय प्रतिदिन उस स्थान पर आती थी और अपने स्तनों से दुग्ध की धारा स्वयं ही प्रवाहित कर रही थी। कुछ दिनों बाद में खुदाई में वह शीश दिखाई पड़ा जिसे कुछ दिनों के लिए एक ब्राह्मण को सौंप दिया गया।

एक बार ऐसा हुआ की खाटू नगर के राजा को सपने में मन्दिर का निर्माण करने के लिए और बर्बरीक के शीश को मन्दिर में सुशोभित करने के लिए प्रेरणा मिली। इसके बाद उस स्थान पर मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ और कार्तिक माह की एकादशी को बर्बरीक का शीश मन्दिर में पूजा के लिए सुशोभित किया गया। आज इसी दिन को बाबा श्याम का जन्मदिन मनाया जाता है।

तो ये थी कहानी खाटू श्याम बाबा की। आइये अब खाटू श्याम जी की आरती पढ़ते हैं और खाटू श्याम बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Khatu Shyam Aarti श्री खाटू श्याम जी आरती

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे

इसी प्रकार के और आरती तथा धार्मिक साहित्य पढ़ने के लिए भक्ति ओसियन को सब्सक्राइब करें। आप हमारा यूट्यूब चैनल भी सब्सक्राइब कर सकते हैं जिसका लिंक हमने नीचे दिया हुआ है। आप हमें सोशल मीडिया साइट जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और फेमनेस्ट पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Share this article

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *