Sigandur Chowdeshwari Temple

इस लेख में हम आपको श्री क्षेत्र सिगंदूर में देवी श्री चौदेश्वरी देवी की ऐतिहासिक कहानी के बारे में बताएँगे। 18वीं शताब्दी में करूर ग्राम पंचायत में मदेनूर नाम का एक गांव था जो सागर तालुक और शिमोगा जिले में पड़ता है। इस गांव में लगभग सौ परिवार रहते थे जिनकी जीविका मुख्य साधन कृषि और शिकार था। इसी गाँव में श्री शेषप्पा नायक का परिवार भी रहता था।

एक दिन श्री शेषप्पा ग्रामीणों के साथ “सीज वैली” जंगल में शिकार के लिए जाने का फैसला किया। शिकार की खोज में वे रास्ता भटक गए और अन्य ग्रामीणों से बिछड़ गए। शेषप्पा पर डर हावी होने लगा था क्योंकि सूर्यास्त के साथ अंधेरा होने लगा था। अचानक शेषप्पा ने एक तेज रोशनी देखी और चौंक गया इसके बाद श्री शेषप्पा चिल्लाने लगे “मुझे बचाओ चौदम्मा” और कुछ देर बाद वो बेहोश होकर गिर पड़े। कुछ देर बाद जब वो उठे तो उन्होंने धुंधली आँखों से एक चमकता हुआ पत्थर देखा। साथ ही साथ उन्होंने माँ की आवाज़ सुनी। माँ ने कहा डरो मत बेटा अब से मैं यही रहूंगी और सबकी रक्षा करुँगी।

मेरे लिए यहाँ एक मंदिर बनवाओ और मेरी पूजा करो। मैं यहाँ “चौदम्मा” के रूप में पूजी जाउंगी और यहाँ आने वाले सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करुँगी। इसके बाद शेषाप्पा होश में आ गए और आश्चर्यजनक रूप से उन्हें घर वापस लौटने का रास्ता भी मिल गया। वो सुरक्षित घर पहुचें और थके मांदे होने की वजह से सो गए। अगले दिन सुबह जब वो उठे तो उन्होंने बीते दिन की घटना याद करने की कोशिश की। जल्द ही उन्हें याद आ गया कि घाटी में कल क्या हुआ था। उन्होंने जल्दी से अपना स्नान, पूजा समाप्त की और फिर से ‘सीज वैली’ की ओर चल पड़े। वहां पहुंच कर उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब वहां उन्होंने वहां पहुंच कर देखा की माँ आदि शक्ति वहां पहले से एक चमकते हुए पत्थर के रूप में स्थापित हैं।

उस दिन से श्री शेषप्पा की दैनिक दिनचर्या बदल गई और वो प्रतिदिन सुबह-सुबह माँ आदि शक्ति चौदम्मा की पूजा करने लगे। इसके बाद उन्हें लगा की अगर कोई ब्राह्मण वैदिक परंपरा के अनुसार विधिपूर्वक माँ की दैनिक पूजा करे तो ज़्यादा अच्छा होगा। इसके बाद वो ग्राम पंचायत में गए और उन्होंने जो बीती रात हुई थी वो पूरी घटना बताई और उन्हें माँ की दैनिक पूजा अर्चना के लिए एक ब्राह्मण को नियुक्त करने के लिए कहा।

ग्राम पंचायत में मौजूद सभी लोगों ने कहा कि माँ की पूजा के लिए कोई जाति या कोई धर्म नहीं है इसलिए माँ चौदम्मा की पूजा के लिए आप ही सही व्यक्ति हैं। पहले तो शेषाप्पा नहीं माने लेकिन अंततः वो सर्वसम्मति से माँ चौदम्मा की पूजा अर्चना करने के लिए सहमत हो गए। उन्होंने गांव के लोगों के साथ मिलकर एक मंदिर बनाया माँ की पूजा अर्चना शुरू कर दी। धीरे धीरे माँ के भक्तों की संख्या इस घाटी में बढ़ने लगी और माँ चौदेश्वरी की कृपा से सभी के दुःख तकलीफ दूर होने लगे।

आज भी दूर दूर से भक्त माँ चौदम्मा के दर्शन के लिए आते हैं और सभी प्रकार के सुखों को प्राप्त करते हैं। यहाँ हर वक़्त माँ के दर्शन के लिए भक्तों की लम्बी कतार लगी ही रहती है।

Sigandur Chowdeshwari Temple Timings

Regular Days
Morning: 7am – 2pm , Afternoon: 3pm – 7:30pm

Amavasya/Poornima
Night 11:30pm to 3.30am Early morning next day

Sigandur Chowdeshwari Temple Contact Number

Sigandur Chowdeshwari Temple Phone Number :- Mobile No : 9449170712, 9448954052 / Email:- [email protected]

Sigandur Chowdeshwari Temple Address / Sigandur Chowdeshwari Temple Postal Address

Shree Sigandoor Chowdamma Devi Trust (R), Shree Sigandur Chowdeshwari Temple, Village – Kalasavalli, Post – Tumari, Taluk – Sagara, District – Shivamogga, Karnataka, INDIA -577453

Sigandur Chowdeshwari Temple Official Website

ऑफिसियल वेबसाइट : http://sigandurchowdeshwari.com

Sigandur Chowdeshwari Temple Online Booking

Visit This Page:- http://sigandurchowdeshwari.com/seva-and-donation

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