Pushpanjali Mantra मंत्र पुष्पांजलि

हमारे वेद पुराणों में भगवान को मंत्र पुष्पांजलि अर्पित की जाती है। इसके लिए वैसे तो कई मन्त्रों की रचना की गयी है लेकिन इनमे से 4 मंत्र मुख्य रूप से प्रचलित हैं। ये चार मंत्र इस प्रकार हैं।

Social Groups
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Join Now
YouTube Channel Subscribe

पहला मंत्र पुष्पांजलि

ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन्।
ते ह नाकं महिमान: सचंत यत्र पूर्वे साध्या: संति देवा:।।

दूसरा मंत्र पुष्पांजलि

ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने। नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे। स मस कामान् काम कामाय मह्यं।
कामेश्र्वरो वैश्रवणो ददातु कुबेराय वैश्रवणाय। महाराजाय नम: ।

तीसरा मंत्र पुष्पांजलि

ॐ स्वस्ति, साम्राज्यं भौज्यं स्वाराज्यं वैराज्यं पारमेष्ट्यं राज्यं महाराज्यमाधिपत्यमयं।
समन्तपर्यायीस्यात् सार्वभौमः सार्वायुषः आन्तादापरार्धात्। पृथीव्यै समुद्रपर्यंताया एकरा‌ळ इति।।

चौथा मंत्र पुष्पांजलि

ॐ तदप्येषः श्लोकोभिगीतो। मरुतः परिवेष्टारो मरुतस्यावसन् गृहे।
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वेदेवाः सभासद इति।।

इसी प्रकार के वैदिक मंत्र जानने के लिए भक्ति ओसियन को सब्सक्राइब करें और आपके विचार हमें कमेंट के माध्यम से बताना ना भूलें। अगर आप माँ सरस्वती की कृपा पाना चाहते हैं तो छात्रों के लिए शक्तिशाली सरस्वती मंत्र का जाप ज़रूर करें इससे आपको विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होगी और आपका यश तथा सम्मान बढ़ेगा।

Share this article