नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भक्ति ओसियन में। आज हम आपको कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र के बारे में बताएंगे जिसका सुबह-सुबह जाप करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र मूल रूप से एक श्लोक है जो विष्णु पुराण में लिखा गया है।
आजकल सोशल मीडिया का दौर है। हम सुबह उठते ही सबसे पहले अपने मोबाइल को शुरू करते हैं। मोबाइल में हम सोशल मीडिया से जुड़ी अच्छी बुरी हर प्रकार की खबरें पढ़ते हैं और जिसकी वजह से हमारा दिमाग विचलित हो जाता है। दिन भर हम किसी निरर्थक विषय के बारे में सोचते रहते हैं जिसका हमारे व्यक्तिगत जीवन से कोई वास्ता नहीं होता। कई बार तो हम कोई ऐसी भी चीज देख लेते हैं जो बहुत ही विचित्र होती है और जिसका असर कई महीनों तक हमारे अवचेतन मन पर बना रहता है।
इसीलिए सुबह उठने के बाद कभी भी अपना मोबाइल तुरंत चालू ना करें क्योंकि अगर आपने अपने सुबह को अच्छा बना लिया तो निश्चित रूप से आपका पूरा दिन भी अच्छा बीतेगा। सुबह पहले ईश्वर का स्मरण करें उसके बाद आप कोई मोटिवेशनल वीडियो या मोटिवेशनल स्पीच सुन सकते हैं जिससे कि आप पूरे दिन अपने आप को मोटिवेटेड महसूस करें।
कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र
इस मंत्र का जाप हर व्यक्ति कर सकता है चाहे वह किसी भी उम्र से उम्र का व्यक्ति हो। इस मंत्र का जाप सुबह उठते ही करना चाहिए। जब आप सुबह उठते हैं तो अपने हाथों की हथेलियों पर अपना ध्यान केंद्रित करें। लक्ष्मी माता, सरस्वती माता और विष्णु भगवान को याद करें।
जैसा कि आप जानते हैं कि लक्ष्मी माता धन की देवी हैं सरस्वती माता ज्ञान की देवी है और भगवान विष्णु इस सृष्टि के पालन करते हैं और सुख समृद्धि के देवता हैं। इन तीनों को याद करने के बाद आप कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र जाप करें निश्चित रूप से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
इस मंत्र का जाप कैसे करें
सनातन धर्म में बिस्तर से उठते ही सुबह में अपने दोनों हाथों की हथेलियों के दर्शन करने का नियम बताया गया है। इससे घर में सुख शांति आती है और मनुष्य सौभाग्यशाली बनता है। जब आप सुबह जगते हैं तो अपनी हथेलियों को एक पुस्तक की तरह आपस में मिलाकर इस प्रकार देखें जैसे आपने कोई किताब खोल रखी हो और निम्नलिखित श्लोक का जाप करें।
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥
इसका मतलब है कि मेरे हाथ के अग्रभाग में माता लक्ष्मी निवास करती हैं, मध्य भाग में ज्ञान की देवी सरस्वती और मूल भाग में श्री हरि विष्णु निवास करते हैं। मैं प्रतिदिन सुबह इनके दर्शन करता हूं। इस श्लोक में लक्ष्मी माता सरस्वती माता और सृष्टि के पालनहार श्री हरि भगवान विष्णु की स्तुति की जाती है जिससे कि मनुष्य के जीवन में धन विद्या और सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति हो सके।
हथेलियों के दर्शन का एक अर्थ यह भी है कि हम अपने कर्म पर पूरा भरोसा रखें और साथ ही साथ हम ईश्वर से यही प्रार्थना करें कि हे ईश्वर आपकी कृपा से हम आज के दिन बढ़िया कर्म करें जिससे कि हमारा जीवन ज्यादा खुशहाल और संपन्न बन सके। हम किसी भी प्रकार के बुरे कर्म करने से हमेशा बचे रहें और हमारा जो हाथ है हमेशा दूसरों की सहायता के लिए आगे बढ़े और हमारे हाथों के माध्यम से इस दुनिया में अच्छे काम हो।
इस श्लोक के जाप से जीवन में हर प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। मनुष्य को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है और ईश्वर कृपा की प्राप्ति होने के कारण मनुष्य जीवन में अच्छे कर्म कर पाता है।
तो दोस्तों यह थी पूरी जानकारी कराग्रे वसते लक्ष्मी श्लोक के बारे में। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी बहुत अच्छी लगी होगी और इससे आपको निश्चित रूप से बहुत फायदा होगा। तो ऐसे ही जानकारियों के लिए भक्ति ओसियन से जुड़े रहें और हमारे युटुब चैनल भक्ति ओसियन को सब्सक्राइब जरूर करें धन्यवाद।