भगवान राम के परमभक्त हनुमान जी अपने भक्तो पर विशेष कृपा बनाए रखते हैं। मंगलवार के दिन हनुमान जी की उपासना को श्रेष्ठ माना गया है। हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति के ऊपर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते है। जो भी व्यक्ति प्रभु बजरंग बली से जुड़ा समझ लो उसका संकट कटा। प्रतिदिन हनुमान जाप, पाठ, बजरंग बाण पाठ करने से भक्त को त्वरित फल मिलता है। साथ ही उन्हें किसी तरह का रोग नही होता और उनके सारे शत्रु परस्त होते है। ये हैं कुछ हनुमान जी चौपाई जिनका पाठ हर व्यक्ति को ज़रूर करना चाहिए।
हनुमान जी की सिद्ध चौपाई
चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा।
हनुमान जी कलयुग में सबसे जाग्रत और साक्षात देवता है। इस कलयुग में हनुमान जी की भक्ति ही लोगों के दुख और संकट को बचाने में सक्षम है। हमारे समाज में कई ऐसे लोग है। जो रोग, संकट और परेशानी पर बाबा, ज्योतिष , तांत्रिक के चक्कर लगाते है। लेकिन उन्हें हनुमान जी की शक्ति भक्ति का अंदाजा नहीं होता है। ऐसे लोगों का राम ही भला करे। यह बात सच है कि हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट का निवारण होता है।
सब सुख लाहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।
यह वह सरल चौपाई है जिसमें आपकी किस्मत को बदलने की पूरी शक्ति है। आपको रोजाना इस चौपाई का जप करना चाहिए और बोलना चाहिए कि हे पवनपुत्र हनुमान आप रक्षक तो हमें क्यों डरना चाहिए। जब तक आप मेरे साथ है। मुझे किसी प्रकार का डर , भय और संकट नही होगा। मेरे जीवन में जब भी कोई विपत्ति आयेगी तो आपको जरूर याद करूंगा। जो आपकी शरण में आते है । उन्हे आनंद प्राप्त होता।
नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।
इस चौपाई में बताया गया है कि हमें कोई भी किसी प्रकार का छोटा बड़ा रोग क्यों ना हो। साथ ही कोई परेशानी ही क्यों न हो। हनुमान चालीसा में इस चौपाई का पाठ करने से सारे रोग कष्ट दूर हो जाते है। प्रभु हनुमान जी की ऐसी महिमा है।
अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता , अस बर दीन जानकी माता।
माता सीता के वरदान से प्रभु हनुमान जी अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता है। उनके पास हर प्रकार की सिद्धि है। अगर बजरंग बली का नाम लेते है तो सभी बाधाएं दूर हो जाती है। इस चौपाई को बोलने से बड़ी से बड़ी मुश्किल हल हो जाती है।
विद्यावान गुनी अति चातुर ,राम काज करीबे आतुर।
इस चौपाई को रोजाना सुबह शाम पढ़ने से विद्या और धन से जुड़ी समस्या का समाधान होता है। आप रोजाना राम का नाम भी लेते है तो प्रभु हनुमान बहुत प्रसन्न होते है। विद्या और धन का लाभ होता है।
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे।
अगर आपका कोई भी काम आपके शत्रुओ के द्वारा नही बन पा रहा है। तो आप नियमित रूप से इस चौपाई का पाठ करें। आपके दुश्मन आपके सामने ठीक नही पाएंगे। और हनुमान जी की कृपा से आपके सभी काम बनने लगेंगे।
FAQ : पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न : बचपन में हनुमान जी ने क्या खा लिया था।
उत्तर : बचपन में प्रभु हनुमान नटखट थे। उन्हे एक बार भूख लगी तो उन्होंने सूर्य को फल समझकर खा लिया था। और सारे जग में अंधेरा छा गया था।
प्रश्न : हनुमान का नाम बजरंग बली कैसे पड़ा।
उत्तर : हनुमान जी का शरीर बलवान था वज्र की तरह तब उनका नाम बजरंगबली पड़ गया। कहते है।
प्रश्न : हनुमान जी ने रावण के कैद से किसे बचाया था।
उत्तर : शनिदेव को हनुमान ने बचाया था।
प्रश्न : हनुमान जी के पिता किस जाति के थे।
उत्तर : केसरीराज को कपि का राजा भी कहा जाता था। क्योंकि वो वानरों की कपिराज जाति के थे।
प्रश्न : हनुमान जी समुद्र से संजीवनी पर्वत किसके कहने पर लाए थे।
उत्तर : एक बार हनुमान जी बचपन में समुद्र से संजीवनी पर्वत को देवगुरु बृहस्पति के कहने से अपने पिता के लिए उठा लाते है। यह देखकर उनकी माता अंजनी भावुक हो जाती है।