Gudi Padwa Kyu Manate Hai:

Gudi Padwa Kyu Manate Hai: पौराणिक कथाएं, मुहूर्त, और जानिए कैसे करे पूजा।

भक्ति ओसियन में आपका स्वागत है। जैसे की आपको पता ही होगा, हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और इस दिन गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी शुरू होती है। गुड़ी पड़वा का उत्सव आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है। गुड़ी का अर्थ ‘विजय पताका’ होता है और इस दिन पताका यानी ध्वज लगाया जाता है और मान्यता है कि इससे सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके पीछे महत्वपूर्ण कारण भी हैं। चलिए, जानते हैं कि gudi padwa kyu manate hai

गुड़ी पड़वा क्यों मनाते हैं ( gudi padwa kyu manate hai)

गुड़ी पड़वा हिन्दू धर्म में नए वर्ष की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही कई मान्यताएं भी हैं, जैसे इसी दिन सृस्टि का जन्म भी हुआ था, और ऐसा भी मन जाता है की इसी दिन बलि का वध भी हुआ था। 

गुड़ी पड़वा का महत्व

गुड़ी पड़वा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो चैत्र मास की प्रथम तिथि पर मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा का महत्व हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना गया है। गुड़ी का अर्थ है विजय पताका। गुड़ी पड़वा के दिन पताका (ध्वज) लगाने की परंपरा है। मराठी समुदाय के लोग गुड़ी पड़वा के दिन घर के बाहर गुड़ी बांधकर पूजा करते हैं। इसे सुख-समृद्धि का प्रतिक भी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गुड़ी पड़वा का दिन सृष्टि की रचना के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन ही सृस्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसलिए इस दिन भगवान ब्रह्मा की पूजा का विशेष महत्व होता है। गुड़ी पड़वा के दिन को बुराइ के खिलाफ विजय का प्रतीक माना जाता है और इस दिन को खुशियों और समृद्धि की शुरुआत माना जाता है।

पौराणिक कथा (Gudi Padwa 2023 Katha in Hindi)

गुड़ी पड़वा के त्योहार से जुड़ी एक प्राचीन कथा बहुत प्रसिद्ध है। इस कथा के अनुसार, त्रेता युग में दक्षिण भारत में राजा बालि का राज्य था। जब भगवान राम, माता सीता को रावण की कैद से मुक्त करने के लिए लंका जा रहे थे, तो उन्होंने दक्षिण में बलि के भाई सुग्रीव से मुलाकात की। सुग्रीव ने भगवान राम को अपने भाई बालि के अत्याचार और उसके आतंक के बारे में बताया और उनसे सहायता मांगी। इसके बाद भगवान राम ने बालि को मार दिया और सुग्रीव और उसके प्रजा को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई। माना जाता है कि जिस दिन भगवान राम ने बालि का वध किया था, उस दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा थी। इसलिए हर साल इस दिन को दक्षिण भारत में गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है और विजय पताका लहराया जाता है।

अन्य मान्यताएं

महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा पर्व से जुड़ी एक कथा यह भी है कि प्रतिपदा तिथि को छत्रपति शिवाजी महाराज ने विदेशी घुसपैठियों को पराजित किया था और उनकी सेना ने विजय ध्वज फहराया था। इस दिन को विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

गुड़ी पड़वा के दिन चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है और इसी दिन हिंदू नववर्ष का भी आरंभ होता है। इस अवसर पर सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा की पूजा भी की जाती है और नए साल का स्वागत धूमधाम से किया जाता है।

When is Gudi padwa 2024। 2024 में गुड़ी पड़वा कब है?

2024 में गुड़ी पड़वा 09 अप्रैल को मनाया जाएगा। गुड़ी पड़वा हर साल हिंदू नववर्ष के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है। इसे उगादी भी कहा जाता है। नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास से होती है, और महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा के रूप में जाना जाता है।

गुड़ी पड़वा के शुभ मुहूर्त (gudi padwa muhurat 2024)

प्रारंभ: 8 अप्रैल, 2024 को रात 11:50 बजे से

समाप्त: 9 अप्रैल, 2024 को रात 8:30 बजे तक। 

गुड़ी पड़वा पूजा विधि – Puja Vidhi of Gudi Padwa

  • गुड़ी पड़वा के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए। 
  • नहाने के बाद घर के दरवाजे को आम के पत्तों से सजाया जाता है।
  • घर के एक हिस्से में गुड़ी लगाई जाती है, जिसे आम के पत्तों, फूलों और कपड़ों से सजाया जाता है।
  • यह सब होने के बाद ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है और गुड़ी को फहराया जाता है।
  • गुड़ी को फहराने के बाद विष्णु जी का विधि-विधान का पालन करके पूजा की जाती है।

गुड़ी को कैसे लगाया जाये /How to Install Gudi

गुड़ी स्थापना करना इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आइए, जानते हैं कि गुड़ी की स्थापना करते समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए।

  • गुड़ी स्थापना के लिए एक बांस की छड़ी, चमकीला रेशमी कपड़ा, नीम के पत्ते, फूलों की माला और एक मिश्री के टुकड़े की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही, गुड़ी को शीशे और मोती जैसे अन्य सजावटी सामानों से भी सजाया जा सकता है।
  • सबसे पहले, एक 5-6 फीट लंबी और 1-2 इंच मोटी बांस की छड़ी लेकर, उसे सैंडपेपर से साफ करें ताकि वह चमकदार लगे।
  • उसके बाद, एक 2-3 फीट लंबा और 1.5 फीट चौड़ा चमकीला रेशमी कपड़ा लेकर, बांस की छड़ी को उसपर बांध कर ढक दें।
  • अब, बांस की छड़ी पर नीम के पत्ते और फूलों की माला बांधें।
  • छड़ी के शीर्ष पर मिश्री का टुकड़ा बांधें।
  • गुड़ी को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर खिड़की या बालकनी में स्थापित करें।
  • गुड़ी स्थापित होने के बाद, मंत्रों और श्लोकों का पाठ करके पूजा करें।
  • अंत में, परिवार और मित्रों के साथ गुड़ी पड़वा उत्सव मनाएं।

अन्य उपयोगी जानकारियां

गुड़ी पड़वा के लिए शुभकामनाये (Gudi Padwa wishes in Hindi)

  • गुढ़ी पाडवा के पावन अवसर पर, नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुढ़ी पाडवा की आपको और आपके परिवार को हार्दिक बधाईयाँ।
  • नववर्ष की आपको ढेर सारी खुशियाँ और समृद्धि प्राप्त हो।
  • गुढ़ी पाडवा की हार्दिक शुभकामनाएं, खुश रहें और खुशियों से भरपूर रहें।
  • नववर्ष के इस पवित्र अवसर पर, आपको सबका प्यार और आशीर्वाद मिले।
  • गुढ़ी पाडवा की हार्दिक बधाईयाँ, समृद्धि और सौभाग्य से भरा रहे आपका नववर्ष।
  • आपके जीवन में नए उत्साह की शुरुआत हो, गुढ़ी पाडवा की शुभकामनाएं।
  • नववर्ष के इस मंगल अवसर पर, आपको सफलता और सुख की प्राप्ति हो।
  • गुढ़ी पाडवा की हार्दिक शुभकामनाएं, आपका जीवन हमेशा प्रकाशमय और खुशहाल रहे।
  • नववर्ष के इस पावन मौके पर, आपको समृद्धि और सुख की नई कहानी लिखने का अवसर मिले।
  • गुढ़ी पाडवा के इस मधुर अवसर पर, आपके जीवन में नई उमंग और नए रंग आएं।
  • नववर्ष की शुरुआत पर आपको खुशियों की बौछार हो, गुढ़ी पाडवा की शुभकामनाएं।
  • गुढ़ी पाडवा के त्योहार की आपको हार्दिक बधाई। नया वर्ष नई उमंगों के साथ आपके जीवन को रोशन करे।
  • आपके जीवन में आने वाले नए वर्ष में खुशियों की बौछार हो, गुढ़ी पाडवा की ढेर सारी शुभकामनाएं।
  • नववर्ष की आपको और आपके परिवार को ढेर सारी मिठास और प्रेम मिले।
  • गुढ़ी पाडवा के पावन अवसर पर, आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की किरणें बिखेरे।
  • नववर्ष के आगमन पर आपको ढेर सारी खुशियाँ और आनंद मिले, गुढ़ी पाडवा की शुभकामनाएं।
  • आपके जीवन में नयी खुशियों की उम्मीद के साथ, गुढ़ी पाडवा की बहुत-बहुत बधाई।

गुड़ी पड़वा के पकवान (Gudi Padwa ke Pakwan) 

  • गुड़ी पड़वा के कुछ लोकप्रिय व्यंजन:
  • पूरन पोली
  • श्रीखंड
  • पूरी भाजी
  • कोथिम्बीर वाडी
  • आम पन्ना
  • मोडक
  • बटाटा वड़ा
  • साबूदाना खिचड़ी

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