भारत देश में त्योहारों का विशेष महत्व है। यहां पर हर महीने कई धार्मिक पर्व मनाए जाते है। भारत में दीपावली, होली, रक्षाबंधन, दुर्गा पूजा, नवरात्रा, करवा चौथ, गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी आदि कई त्योहार बड़ी खुशी और आनंद के साथ मनाए जाते है। इसके अलावा भी कई “𝐛𝐡𝐚𝐫𝐭𝐢𝐲𝐚 𝐭𝐲𝐨𝐡𝐚𝐫” है और इन त्योहारों में लोग अपने परिवार के साथ मिलकर पूजा और धार्मिक रस्मों में भाग लेते है।
यह त्योहार खुशी, एकता और आनंद का प्रतीक होते है जो लोगों को अपने सांस्कृतिक और धार्मिक आदर्शो को जीने का मौका देते है। इसी तरह गणेश चतुर्थी भी हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार भगवान “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐣𝐢” का त्योहार है। भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े हर्षोलास के साथ मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र है यानी वो “𝐬𝐡𝐢𝐯 𝐩𝐚𝐫𝐯𝐚𝐭𝐢” की संतान है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और आराधना की जाती है। तो आइए आपको इस ब्लॉग में ” Ganesh Chaturthi Kyu Manate Hai ” इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।
गणेश चतुर्थी का त्योहार क्या है :-
गणेश चतुर्थी का त्योहार विशेष रूप से भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने घर में या मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं, उनकी पूजा अर्चना करते हैं। उनकी मूर्ति पर मिठाइयां और प्रसाद चढ़ाए जाते हैं।
इस त्यौहार के दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ-साथ “𝐝𝐞𝐯𝐨𝐧 𝐤𝐞 𝐝𝐞𝐯 𝐦𝐚𝐡𝐚𝐝𝐞𝐯” यानी भगवान शिव, माता पार्वती, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और कार्तिकेय भगवान की भी पूजा की जाती है। इस त्यौहार को 10 दिन तक मनाया जाता है और फिर मूर्ति का तालाब या नदी में विसर्जन किया जाता है। इस प्यार के दौरान पूजा, आरती और मंत्रों का पाठ किया जाता है।
आखिर “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐜𝐡𝐚𝐭𝐮𝐫𝐭𝐡𝐢 𝐤𝐲𝐮 𝐦𝐚𝐧𝐚𝐲𝐚 𝐣𝐚𝐭𝐚 𝐡𝐚𝐢” आइए जानते है :- भारत में गणेश जी को सबसे पहले पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे कई कारण माने जाते है। यह त्योहार भारत में हर जगह धूमधाम से मनाया जाता है और विशेष रूप से महाराष्ट्र में।
- भगवान गणेश का जन्म इस दिन हुआ था इसलिए गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र के रूप में गणेश जी को जाना जाता है। भगवान गणेश को मंगलकर्ता कहा गया गया है। इस दिन सभी लोग अपने आस – पास के “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐦𝐚𝐧𝐝𝐢𝐫” में जाते है और सभी साथ में मिलकर भगवान गणेश की आराधना करते है।
- हिन्दू शास्त्रों और पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहा जाता है। उन्हें बाधाओं का विनाशक, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए लोग गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए लोग उनके जन्म दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते है। लोग उत्सव के लिए कई प्रकार के मिठाइयां बनाते है। गणेश जी की सचे मन से प्रार्थना करने पर उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है।
- गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे एक कारण यह भी है कि भगवान गणेश ने उसी दिन महाभारत का लेखन करना शुरू किया था। महर्षि वेदव्यास ने गणेश जी को महाभारत को लिपिबद्ध करने के लिए कहा। तब गणेश जी ने कहा कि मैं एक बार लिखना शुरू करूंगा तो मेरी कलम रुकेगी नहीं, यदि कोई बाधा आती है तो मै लिखना बंद कर दूंगा। फिर गणेश जी ने चतुर्थी के दिन महाभारत लेखन शुरू किया। महर्षि वेदव्यास ने श्लोक बोले और गणेश जी ने उन्हें लिपिबद्ध करना शुरू किया। वेदव्यास जी ने कहा कि गणेश जी आप विद्वानों में सर्वश्रेष्ठ है इसलिए आपसे लिखने में कोई गलती नहीं होगी।
फिर 10 दिन बाद लेखन का कार्य समाप्त हुआ और दस दिनों तक लगातार एक जगह बैठे रहने से उनके शरीर पर धूल, मिट्टी जम गई तथा फिर उन्होंने सरस्वती नदी में स्नान करके खुद को साफ किया। इस कारण गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का महत्व :-
आपने ऊपर लिखी गई “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐣𝐢 𝐤𝐢 𝐤𝐚𝐡𝐚𝐧𝐢” को तो पढ़ लिया है। तो जब दस दिनों तक लगातार एक जगह बैठकर लेखन का कार्य करने पर उनका शरीर धूल, मिट्टी से गंदा हो गया। तब उन्होंने सरस्वती नदी में खुद को स्वच्छ किया।
इसी तरह इस संसार में इंसान रहता है तो वह पाप, बुरे कर्म, लालच आदि से अपवित्र हो जाता है। तो गणेश चतुर्थी के इन दस दिनों में हमें भी सभी इन्द्रियों पर नियंत्रण करके भगवान की आराधना और भक्ति करनी चाहिए। 10 दिन बाद अपने मन पर जमी हुई पाप की मिट्टी को साफ करके और मन को पवित्र करके जीवन जीना चाहिए।
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गणेश चतुर्थी का त्योहार कैसे मनाया जाता है :-
अब हम आपको “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐜𝐡𝐚𝐭𝐮𝐫𝐭𝐡𝐢 𝐤𝐚𝐢𝐬𝐞 𝐦𝐚𝐧𝐚𝐢 𝐣𝐚𝐭𝐢 𝐡𝐚𝐢” इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। यह त्योहार भारत के हर कोने में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐦𝐮𝐫𝐭𝐢” कि अपने घर में या मंदिर में स्थापना करते हैं और हर उसकी पूजा की जाती है।
इसके साथ ही कहीं कहीं लोग पंडाल भी लगाते हैं जहां लोग आकर भजन कीर्तन करते हैं और गणेश जी के आगमन का स्वागत करते हैं। वहां आए हुए लोगों को भोजन प्रसाद खिलाया जाता है। त्योहार के दिन हर घर में विशेष व्यंजन तैयार किए जाते है और गणेश जी के लिए प्रसाद के रूप में “𝐦𝐨𝐝𝐚𝐤” बनाए जाते हैं।
लोग भगवान गणेश की पूजा करना शुरू करते हैं जिसमें उन्हें धूप, फूल और दीप से पूजा जाता है। इसी के साथ हर जगह पर “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐦𝐚𝐧𝐭𝐫𝐚” का जप किया जाता है।
हर जगह गणेश जी के आगमन की खुशियां मनाई जाती है और हर परिवार में औरतें “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐜𝐡𝐚𝐭𝐮𝐫𝐭𝐡𝐢 𝐯𝐫𝐚𝐭” करती है।
फिर 10 दिन बाद गणेश जी की मूर्ति का किसी समुद्र, तालाब या नदी में विसर्जन किया जाता है और “𝐠𝐚𝐧𝐩𝐚𝐭𝐢 𝐛𝐚𝐩𝐩𝐚 𝐦𝐨𝐫𝐲𝐚” के जयकारे लगाए जाते है। वहां आए हुए लोगों को प्रसाद बांटा जाता है। इसी के साथ लोग अपने सुख, समृद्धि और लंबी आयु की कामना भगवान गणेश से करते हैं और “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐣𝐢” सभी के दुख और बाधाओं का नाश कर देते है।
निष्कर्ष :-
हमने आपको इस ब्लॉग में “𝐠𝐚𝐧𝐞𝐬𝐡 𝐜𝐡𝐚𝐭𝐮𝐫𝐭𝐡𝐢 𝐤𝐲𝐮 𝐦𝐚𝐧𝐚𝐭𝐞 𝐡𝐚𝐢” इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है। भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में यह त्योहार हर साल मनाया जाता है। गणेश जी को हिन्दू पौराणिक कथाओं में विघ्नहर्ता का कहा गया है, उन्हें हर शुभ कार्य में पहले पूजा जाता है।
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