Dahi Handi 2024 Dates:- दही हांडी, जो जन्माष्टमी के दूसरे दिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, भारत के प्रमुख उत्सवों में से एक है। इस पर्व का संबंध भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से है, जिन्हें उनके बचपन में “माखनचोर” के नाम से जाना जाता था। दही हांडी का आयोजन मुख्य रूप से महाराष्ट्र में होता है, लेकिन आज यह पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि दही हांडी 2024 में कब मनाई जाएगी, इसका महत्व क्या है, और इसे क्यों मनाया जाता है।
दही हांडी 2024 की डेट
दही हांडी का पर्व जन्माष्टमी के दूसरे दिन मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव है। जन्माष्टमी 2024 में 26 अगस्त को मनाई जाएगी, इसलिए दही हांडी 27 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन विभिन्न स्थानों पर मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें अनेक गोविंदा मंडलियाँ भाग लेती हैं।
दही हांडी का महत्व
दही हांडी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के बाल जीवन से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ मिलकर मटकी में रखे माखन को चुरा कर खाया करते थे। वे मटकी को ऊँचाई पर लटकाई जाने वाली रस्सियों से निकालते थे, और इसे फोड़कर माखन का आनंद लेते थे। यही कारण है कि इस पर्व में एक मटकी को ऊँचाई पर बाँध दिया जाता है, और गोविंदा मंडली मानव पिरामिड बनाकर इस मटकी को फोड़ने का प्रयास करती है।
इस पर्व का उद्देश्य श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को याद करना और उनका उत्सव मनाना है। दही हांडी का आयोजन यह संदेश देता है कि टीम वर्क और साहस के माध्यम से किसी भी मुश्किल कार्य को सफलता पूर्वक पूरा किया जा सकता है।
दही हांडी का आयोजन
दही हांडी का आयोजन विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, और अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। इस दिन शहरों और गांवों में मटकी फोड़ प्रतियोगिताएँ होती हैं, जहां विभिन्न गोविंदा मंडलियाँ भाग लेती हैं। ये मंडलियाँ पारंपरिक गीतों और ढोल-ताशों के साथ पिरामिड बनाकर मटकी तक पहुँचने का प्रयास करती हैं।
दही हांडी का आध्यात्मिक पहलू
दही हांडी का आध्यात्मिक पहलू भी महत्वपूर्ण है। इसे भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति के रूप में देखा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में और मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। दही और माखन का भोग लगाते हैं, और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। यह पर्व न केवल भक्ति और आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भी सिखाता है कि हमें अपने जीवन में मस्ती, उमंग और उत्साह के साथ साथ आध्यात्मिकता को भी स्थान देना चाहिए।
निष्कर्ष
दही हांडी का पर्व भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जो भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। 2024 में यह पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन को उमंग, उत्साह, और भक्ति के साथ मनाएं, और श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य बनाएं।