आज पूरा भारत श्रीराम भक्ति में डूबा हुआ है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही जन-जन के हृदय में राम नाम की गूंज और भी प्रबल हो गई है। हम सभी भगवान श्रीराम की मर्यादा, आदर्श और चरित्र से परिचित हैं, लेकिन क्या आपने कभी यह जानने का प्रयास किया है कि श्रीराम के पूर्वज कौन थे? उनके वंश की जड़ें कितनी गहरी और दिव्य थीं?
अक्सर हम ऐतिहासिक राजवंशों की पीढ़ियाँ क्रम से याद कर लेते हैं, परंतु सूर्यवंश के इस महान कुल, जिसमें स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अवतार लिया, उसके बारे में बहुत कम चर्चा होती है। आइए, इस लेख में हम श्रीराम की लगभग 40 पीढ़ियों और उनके पूर्वजों के नाम सरल व क्रमबद्ध रूप में जानें।
श्रीराम के पिता और उनसे पूर्व की वंश परंपरा
भगवान श्रीराम के पिता
श्रीराम के पिता का नाम राजा दशरथ था, जो अयोध्या के प्रतापी और धर्मनिष्ठ राजा थे।
दशरथ से पूर्व की पीढ़ियाँ इस प्रकार हैं:
- दशरथ के पिता का नाम – अज
- अज के पिता का नाम – नाभाग
- नाभाग के पिता का नाम – ययाति
- ययाति के पिता का नाम – नहुष
- नहुष के पिता का नाम – अम्बरीष
- अम्बरीष के पिता का नाम – प्रशुश्रुक
- प्रशुश्रुक के पिता का नाम – मरु
- मरु के पिता का नाम – शीघ्रग
- शीघ्रग के पिता का नाम – अग्निवर्ण
- अग्निवर्ण के पिता का नाम – सुदर्शन
- सुदर्शन के पिता का नाम – शंखण
- शंखण के पिता का नाम – प्रवृद्ध
- प्रवृद्ध के पिता का नाम – रघु
रघुवंश की उज्ज्वल परंपरा
रघु से ही इस वंश को रघुवंश कहा गया, जिसमें धर्म, त्याग और पराक्रम सर्वोपरि रहा।
- रघु के पिता का नाम – ककुत्स्थ
- ककुत्स्थ के पिता का नाम – भागीरथ
- भागीरथ के पिता का नाम – दिलीप
- दिलीप के पिता का नाम – अंशुमान
- अंशुमान के पिता का नाम – असमंज
- असमंज के पिता का नाम – सगर
- सगर के पिता का नाम – असित
- असित के पिता का नाम – भरत
- भरत के पिता का नाम – ध्रुवसंधि
- ध्रुवसंधि के पिता का नाम – सुसंधि
- सुसंधि के पिता का नाम – मान्धाता
- मान्धाता के पिता का नाम – युवनाश्व
- युवनाश्व के पिता का नाम – धुन्धुमार
- धुन्धुमार के पिता का नाम – त्रिशंकु
सूर्यवंश की आदि कड़ी तक
- त्रिशंकु के पिता का नाम – पृथु
- पृथु के पिता का नाम – अनरण्य
- अनरण्य के पिता का नाम – बाण
- बाण के पिता का नाम – विकुक्षि
- विकुक्षि के पिता का नाम – कुक्षि
- कुक्षि के पिता का नाम – इक्ष्वाकु
इक्ष्वाकु को सूर्यवंश का संस्थापक माना जाता है।
- इक्ष्वाकु के पिता का नाम – वैवस्वत मनु
- वैवस्वत मनु के पिता का नाम – विवस्वान (सूर्य देव)
- विवस्वान के पिता का नाम – कश्यप ऋषि
- कश्यप के पिता का नाम – मरीचि
- मरीचि के पिता का नाम – ब्रह्मा
निष्कर्ष
इस प्रकार भगवान श्रीराम का वंश केवल राजाओं की श्रृंखला नहीं, बल्कि धर्म, तप, त्याग और लोककल्याण की निरंतर परंपरा है। ब्रह्मा से लेकर सूर्यदेव, मनु, इक्ष्वाकु और रघु तक—हर पीढ़ी ने मानवता को कोई न कोई आदर्श दिया। श्रीराम उसी दिव्य परंपरा की पूर्ण अभिव्यक्ति हैं।
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